फ्लू के लिए बनाए जेनेटिक हथियार से हराएंगे कोराना को, वायरस को टुकड़ों में तोड़ने में 90 फीसदी सफलता मिली
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसा जीन एडिटिंग टूल विकसित किया है जो इंसान की संक्रमित कोशिकाओं में मौजूद कोरोनावायरस को खत्म कर सकता है। इस टूल का नाम पैकमैन है।
जब इसका इस्तेमाल कोरोना से संक्रमित फेफड़ों की कोशिकाओं पर किया गया तो 90% तकसफलता मिलने का दावा किया गया है। शोधकर्ताओं ने इसे इंफ्लूएंजा के वायरस से लड़ने के लिए विकसित किया था लेकिन अचानक शुरू हुई कोविड-19महामारी के बाद इसका इस्तेमाल कोरोना पर किया गया।
ऐसे काम करता है यह टूल
शोधकर्ताओं के मुताबिक, पैकमैन, एंजाइम Cas13 और RNA से मिलकर बना है, इसका पूरा नाम है प्रोफेलैक्टिक एंटीवायरल क्रिस्पर इन ह्यूमन सेल्स। पैकमैन में मौजूद RNA एंजाइम को आदेश देता है कि कोरोनावायरस के जीनोम सिक्वेंस को तोड़े। ऐसा करने के बाद वायरस इंसान के शरीर में अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाता और खत्म हो जाता है।
पहले जानवर पर होगा ट्रायल
शोधकर्ता ने जीन एडिटिंग टूल का पहला ट्रायल कोरोना संक्रमित जानवरों पर करने की तैयारी कर रहे हैं। इस रिसर्च में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और स्वीडन के कैरोलिन्स्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता भी शामिल होंगे।
चुनौतियों भरा था बदलाव
टूल को विकसित करने वाले शोधकर्ता स्टैंले-ची का कहना है कि पिछले साल मैंने इस पर काम करना शुरू किया था और लक्ष्य इंफ्लूएंजा वायरस था। जनवरी में कोरोना के मामले सामने आने के बाद इस टूल का इस्तेमाल नए वायरस पर करने के लिए बदलाव करना पड़ा जो काफी चुनौतियों भरा था।
90 फीसदी तक सफलता मिली
शोधकर्ता स्टैंले-ची का कहना है कि जब पैकमैन टूल लिपिटॉयड्स (खास तरह का मॉलीक्यूल) के साथ काम करता है तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। रिसर्च के दौरान दोनों को मिलाकर कोरोनावायरस पर ट्रायल किया गया है तो 90 फीसदी तक सफलता मिली। बर्कले लैंब्स मॉलीक्यूलर फाउंड्री ने लिपिटॉयड्स उपलब्ध कराए हैं। जिसने रिसर्च को और बेहतर बनाया है।
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