ट्रेनें चलने के बाद भी एक महीने से दर-दर की ठोकरें खा रहे प्रवासी, निसर्ग तूफान ने बदला कई शहरों के मौसम का मिजाज

छत्तीसगढ़ के प्रवासी ट्रेनें चलने के बाद भी एक महीने से से दर-दर की ठोकरें खा रहेहैं, लेकिन उनके घर जाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसलिए इन लोगों नेबुधवार सुबह 9 बजे ही डीसी दफ्तर का घेराव शुरू कर दिया। इन लोगों का कहना था कि उनका रोजगार छिन गया है, अब यहां ठहरना उनके लिए जंजीरों की जकड़न से कम नहीं। इसलिए उन्हें घर भेज दिया जाए। दोपहर के समय सभी मजदूरों को घर वापस भेजने का आश्वासन देकर बसों के जरिए ब्यास स्थित राधा स्वामी सत्संग डेरा पहुंचाया गया।

रोटी के लाले हैं, मजदूरी भी छिन गई

तस्वीर अमृतसर की है। सबको अपना घर कितना प्यारा होता है इसका अंदाजा आप इस रोती हुई महिला के आंसू से लगा सकते हैं। छत्तीसगढ़ से आकर अमृतसर में मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाने वाली महिला कोरोना संकट में दो वक्त की रोटी को मजबूर हुई तो प्रशासन से घर भिजवाने के लिए डीसी दफ्तर पहुंची। यहां जब अधिकारियों ने उससे बातचीत शुरू की तो महिला दर्द सुनाते-सुनाते फफक-फफक कर रो पड़ी। रोते हुए कहा-साहब रोटी के लाले हैं। किसी तरह घर भिजवा दो जिंदा तो रहेंगे।

गड्ढा खोदकर पानी निकालने के लिए मजबूर लोग

तस्वीर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की है। यहां 20 परिवारों के लिए 2 बोरवेल है। दोनों में वाटर लेवल भी अच्छा है, लेकिन यहां एक महीने से बिजली नहीं है। गांव में एक ट्रांसफॉर्मर है लेकिन वो भी खराब पड़ा हुआ है। इसके कारण ग्रामीण पिछले एक महीने से मजबूरी में सूखा नाला के पास गड्ढा खोदकर पानी का स्त्रोत तलाशते हैं। इसके बाद पानी जमा होने पर उसी को पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। एक घड़े पानी के लिए जद्दोजहद होती है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदला मौसम के मिजाज

तस्वीर राजस्थान के बीकानेर की है। प्रदेश में चल रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदले मौसम के मिजाज के कारण लगातार चौथे दिन शहर में धूल के गुब्बार उठे। बुधवार शाम को उठे धूल के गुब्बारों के कारण थोड़ी की देर में चारों तरफ धूल की धूल हो गई। धूल के कारण दोपहर में तल्ख हुई धूप भी बेअसर हो गई।

लहरों में फंसा जहाज

चक्रवाती तूफान निसर्ग ने बुधवार को महाराष्ट्र के तटीय इलाकाें में नुकसान पहुंचाया।रत्नागिरी तट के पास एक जहाज ऊंची लहरों में फंस गया। बचाव दल के सदस्यों ने इसमें सवार 10 नाविकों को सुरक्षित निकाला।

तेज हवाओं ने उखाड़े पेड़

तूफान निसर्ग की वजह से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से आंधी चली और कई इलाकों में जमकर बारिश हुई। मुंबई में तेज हवा से सैकड़ों पेड़ गिर गए। बुधवार शाम को इन्हें हटाने का काम शुरू हो गया था।

धोनी ने लॉकडाउन में सीखा ट्रैक्टर चलाना

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लॉकडाउन में खाली समय का पूरा सदुपयोग किया। अपने फार्म हाउस में इन्होंने जैविक खेती करना सीखा। खेत तैयार करने के लिए ट्रैक्टर खरीदा और उसे चलाना भी सीखा। रांची के सैंबो स्थित अपने फॉर्म हाउस में ट्रैक्टर चलाते हुए उनका नया रूप देखने को मिला। चेन्नई सुपर किंग्स ने धोनी के ट्रैक्टर सीखने के पल को सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

इस तरह शिकायतें सुनेगी पुलिस, ताकि संक्रमण न फैले

तस्वीर हरियाणा के हांसी की है। पुलिस जिला के थानों में पुलिस कर्मचारी प्लास्टिक की लेयर में बैठकर लोगों की शिकायतों की सुनवाई करेंगे। पुलिस चौकियों में भी पुलिस कर्मचारियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। पुलिस प्रशासन की तरफ से यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न फैले।

यात्रियों को अपनी सीट तक पहुंचने में लगे 2 घंटे

तस्वीर राजस्थान के जोधपुर की है। अनलॉक-1 लागू होने के साथ शुरू हुई ट्रेनों की आवाजाही के तीसरे दिन सिटी स्टेशन पर काफी चहल-पहल रही। बांद्रा टर्मिनस से बुधवार सुबह 800 यात्री जोधपुर पहुंचे तो शाम को पहले फेरे पर रवाना हुई जोधपुर-हावड़ा सुपरफास्ट में 760 यात्रियों के टि​कट बुक करवाने और उससे कुछ समय पहले ही सूर्यनगरी एक्सप्रेस के रवाना होने से यात्रियों की कतार रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क तक नजर आई। सोशल डिस्टेंसिंग रख यात्रियों को एक-एक कर प्रवेश दिया गया।

मंडी के बाहर फंसी गेहूं से भरी ट्रॉलियां

तस्वीर राजस्थान के बूंदी की है। यहां के पुरानी कृषि उपज मंडी में 4 दिन से गेहूं खरीद केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए किसानों के ट्रैक्टर गेहूं से भरे खड़े हैं। बारिश से गेहूं को बचाने के लिए तिरपाल से ढंक रखा है।

दूल्हे के लिए साफे और शेरवानी के साथ मिल रहे मैचिंग मास्क

तस्वीर जोधपुर की है। लॉकडाउन के बाद अब मास्क अब हर कार्यक्रम का अहम हिस्सा भी होगा। शादी में दूल्हे अपने लिए खास शेरवानी और साफे की तलाश करते हैं और अब बाजार में साफे और शेरवानी के साथ मैचिंग कर मास्क भी मिलने लगे हैं। शेरवानी व्यापारी उम्मेदसिंह जोलियाली ने बताया, दूल्हे की डिजाइनर शेरवानी देखकर उसी टाइप का साफा और मास्क तैयार किए हैं। उन्होंने बताया, दूल्हे के लुक को कुछ अलग दिखाने के लिए उन्होंने ये डिजाइनर मास्क बनाए हैं।



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Even after running trains, migrant stumbling rate after rate for a month, nature's storm changed the mood of many cities


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