आज से खुल जाएंगे मंदिरों के ताले, दूर से दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु; होटल, रेस्टोरेंट्स में सोशल डिस्टेंसिंग पर दिया जा रहा जोर
तस्वीर चंडीगढ़ के सेक्टर-18 स्थित हनुमान मंदिर की है। लॉकडाउन के कारण लगभग डेढ़ माह से बंद मंदिर आज से खुल जाएंगे। इसके लिए रविवार को तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिरों को सैनेटाइज किया गया और जरूरी दिशा-निर्देशों को मंदिर परिसर में चस्पा किया गया। तस्वीर में पुजारी हनुमान जी की प्रतिमा को सैनेटाइज कर रहे हैं। आज सेमंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को कुछ एहतियात बरतने होंगे। सभी को दो गज की दूरी बनाकर रखनी होगी, मास्क पहनना अनिवार्य होगा।हाथ-पैर धोकर ही मंदिर में प्रवेश करना होगा। राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सभी भक्तों कोपालन करना होगा।
डमी कस्टमर के जरिए बताया होटलों मेंकैसे करनी हैसोशल डिस्टेंसिंग
तस्वीर मध्यप्रदेश के सागर में स्थित एक रेस्टोरेंट की है। प्रदेश में आज से सभी होटल और रेस्टोरेंट्स खुलने जा रहे हैं। कोरोना के चलते संचालक सोशल डिस्टेंसिंग पर खासा ध्यान दे रहे हैं। ये नजारा है सिविल लाइन स्थित एक रेस्टोरेंट का। यहां हर टेबल की 4 कुर्सियों में से दो पर डमी कस्टमर बैठा दिए गए हैं। रेस्टोरेंट संचालक योगेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि होम डिलीवरी के लिए पैकिंग पर कुक व डिलीवरी बॉय का टेंपरेचर भी मेंशन कर रहे हैं।
कभी न सोने वाली मुंबई दौड़ने को तैयार, सबसे संक्रमित शहर में आज से खुलेंगेऑफिस-उद्योग
तस्वीर मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया की है। इसमें 6 साल की लीसा और उसका 4 साल का छोटा भाई रेयान है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के ये दोनों बच्चे मैराथन रनर बनना चाहते हैं। लॉकडाउन से पहले पापा रोनाल्डो के साथ दोनों रोजाना गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रैक्टिस करने आते थे। कोरोना ने इसमें खलल डाल दिया था। लेकिन अब लॉकडाउन खुल रहा है तो दोनों ने पूरी सुरक्षा और एहतियात बरतते हुए रोजाना दो घंटे की प्रैक्टिस शुरू कर दी है। इन्हीं की तरह कभी न सोने वाली मुंबई अब फिर दौड़ने के लिए तैयार है। निजी दफ्तरों और उद्योगों में काम शुरू हो जाएगा। शुरुआत 10 फीसदी स्टाफ के साथ हो रही है।
समय से पहले मेहरबान हो सकता है मानसून, रविवार को जमकर बरसे बदरा
तस्वीरचंडीगढ़ की है। यहां रविवार को सुबह-सुबह अच्छी बारिश हुई।दिन का अधिकतम तापमान 31.4डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य से सात डिग्री कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार इन 2 महीनों में सबसे अधिक 14 वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ चुके हैं, जिसकी वजह से बीच-बीच में बारिश होती रही। वहीं, मई महीने में 1971 के बाद सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। 31 मई को एक घंटे में 50.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद से जून के महीने में लगातार बीच-बीच में लगातार बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल की मानें तो इस बार मॉनसून अच्छी रफ्तार पर है।
तबीयत खराब, गंदे पानी में गिरने से कपड़े भीखराब
तस्वीर में दिख रही नीलम चंडीगढ़ के किशनपुरा इलाके की है। तबीयत खराब होने के कारणरविवार को नीलमस्कूटी से डॉक्टर के पास जा रही थी।खराब सड़क और ड्रेनेज सिस्टम सही न होने के चलतेसड़कों पर पानी भरा है। रविवार को करीब 10 लोग इन टूटी सड़कों का शिकार बने और जख्मी हुए। नीलम भी उन्हीं में से एक थी। हादसे में नीलम के पैर पर चोटी आई और गंदे पानी में गिरने से उसके कपड़े भी खराब हो गए। इसके बाद कॉलोनी के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
सूचना मिलते ही दौड़ पड़ते हैं ग्रामीण, सार्वजनिक कुंड पर रोज दोघंटे रहती है ऐसी भीड़
तस्वीर चूरू के तारानगर अंतर्गतगांव सात्यूं की है।सार्वजनिक कुंड और उसके चारों तरफ मटके, बाल्टी व रस्सी लिए महिला-पुरुषों की भीड़ और हर किसी में पहले पानी भरने की होड़। ये नजारा पिछले एक माह से गांव में रोज दो घंटे तक नजर आता है। गांव में पीने केपानी की व्यवस्था के लिए सार्वजनिक नल लगे हुए हैं, लेकिन उनमें पिछले एक माह से नाममात्र का पानी आ रहा है। ऐसे में विभाग की ओर से रोज शाम 4 बजे एक-डेढ़ घंटे तक सार्वजनिक कुंड खोलकर ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। जैसे ही सार्वजनिक कुंड खोला जाता है, घरों से महिला-पुरुष व बच्चेपानी भरने के लिए दौड़ पड़ते हैं।
वॉटर हॉल पद्धति से की जा रही वन्यजीवों की गणना
तस्वीर जैसलमेर के डीएनपी क्षेत्र की है। यहां सेराज्यपक्षी गोडावण को लेकर अच्छी खबर आई। दरअसल यहांवॉटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना चल रही है। इसमें वर्षों बाद गोडावण की संख्या में इजाफा हाेता नजर आ रहा है। पूर्णिमा की रात 5 जून को वन्य जीवों की गणना की गई। इसमें एक साथ 30 से ज्यादा गोडावण नजर आए। गोडावण के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट अलग से गणना करता है। देहरादून से विशेषज्ञों की टीम आती है और उनकी गणना करने का तरीका भी अलग है। वे डीएनपी क्षेत्र को अलग अलग जोन में बांटकर गणना करते हैं। गोडावण के लिए उसी गणना को प्रमाणिक माना जाता है।
हमें आपका घने में इंतजार है, लेकिन सोशल डिस्टेंस और मास्क के साथ आइए
तस्वीर भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान की है। रविवार को यहां चीतल विचरण करते देखे गए। 83 दिन बाद मंगलवार को यह उद्यान सैलानियों के लिएखोल दिया जाएगा। कोशिश करें कि पैदल घूमने का प्लान बनाएं, क्योंकिसंक्रमण को देखते हुए घना प्रशासन कई तरह की सतर्कता बरत रहा है। प्रशासन की सलाह है कि पैदल घूमें। वैसे रिक्शों का भी इंतजाम रहेगा। लेकिन इन्हें सीमित संख्या में चलाया जाएगा। सैलानियों के ग्रुप को सोशल डिस्टेंस के साथ प्रवेश दिया जाएगा। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ही एंट्री रहेगी।
दुर्लभ डायनासोर प्रजाति केघड़ियाल देश दुनिया से होते जा रहे हैंविलुप्त
तस्वीर राजस्थान के धौलपुर कीहै। यहां कीचंबल नदी में पहली बारहजारों की तादाद में घड़ियाल के बच्चे जन्मे हैं। इन्हें देखकर चंबल सेंचुरी अफसरों के चेहरों पर भी खुशी है। दुर्लभ डायनासोर प्रजाति के इन घड़ियाल देश दुनिया से विलुप्तहैं, ऐसे में चंबल नदी में इनकी अच्छी संख्या हाेना सुखद है।
जून में ही खतरे के निशान से 1.12 मीटर ऊपर बहने लगी नर्मदा
तस्वीर मध्यप्रदेशकेबड़वानी के राजघाट की है। यहां घाट किनारे बने मंदिर तक डूब गए हैं। निसर्ग तूफान के कारण देश में कुछ दिनों से बारिशहो रही है। इसके चलते जूनमें ही नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है।पिछले साल अगस्त के पहले सप्ताह में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा था। निसर्ग तूफान के चलते मप्रमें हुई बारिश के कारण नर्मदा में अभी से बाढ़ की स्थिति बन गई है। नर्मदा खतरे के निशान से 1.12 मीटर ऊपर बह रही है। शनिवार को नर्मदा का जलस्तर 124.40 मीटर रहा। राजघाट में खतरे का निशान 123.280 मीटर पर है। बारिश से पहले जलस्तर 118.00 मीटर के आसपास था।
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