काेराेनाकाल में गले लगा रहे हैं ताे सावधानी बरतें, सुरक्षित रहेंगे; क्योंकि जादू की झप्पी तनाव कम करती है, अपनेपन का सुखद अहसास कराती है
काेराेना से पहले के जीवन की जिन बाताें काे लाेग याद कर रहे हैं, उनमें गले लगना भी शामिल है। चाहे वह दादा-दादी का नाती-पाेताें के प्रति प्रेम हाे या युवाओंका बुजुर्गों से अपनापन। दरअसल, प्रियजन से गले न मिल पाने से लोग तनाव में भी आ रहे हैं। इसलिए लाेग पॉलीथिन पहन गले मिलते भी नजर आए।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञानी जॉहन्स आईक्स्लैड बताते हैं कि गले मिलना अभिवादन ही नहीं है, इससे तनाव भी घटता है। वैज्ञानिकों ने कोरोनाकाल में गले मिलने के कुछ तरीके सुझाए हैं। जानिए क्या हैं ये :
गलत तरीके: ये इनसे फैल सकता है कोरोनावायरस
1. फेस-टू-फेस गले न मिलें, सांसों से वायरस फैलेगा
इस मुद्रा में अधिक जाेखिम है, क्याेंकि चेहरे पास हाेते हैं। वर्जीनिया टेक में एयराेसाॅल साइंटिस्ट लिनसे मार्र कहती हैं, ‘दाेनाें में से एक की लंबाई कम है तो उसके सांस छाेड़ने से गर्म हवा दूसरे तक पहुंच सकती है। लंबा व्यक्ति नीचे देखेगा ताे उसके वायरस नाटे व्यक्ति के श्वसन तंत्र के जरिये प्रवेश सकते हैं।’
2. एक ही दिशा में चेहरा कर गले लगाना भी खतरनाक
एक ही दिशा में गालोंको करीब लाकर गले मिलना भी खतरनाक हो सकता है। इससे एक व्यक्ति द्वारा छाेड़ी गई सांस दूसरे व्यक्ति के श्वसन जाेन में प्रवेश करती है। कोशिश करें कि इस दौरान रोना-धोना न हो। आंसू और बहती नाक से वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
सही तरीके: इनसे दोनों साथी सुरक्षित महसूस करेंगे
1. चेहरे विपरीत दिशा में गले मिलें, मास्क भी पहने रहें
समान ऊंचाई के लाेग गले मिलते समय चेहरे विपरीत दिशा में रखें। इससे सांस विपरीत दिशा में जाएगी और वायरस फैलने की अाशंका कम रहेगी। मास्क भी पहनें।
2. बच्चों काे कमर तक गले लगने दें, नीचे नहीं दूर देखें
कमर तक बच्चाें काे गले लगाना खतरा कम करता है। ऐसे में चेहरे दूर-दूर रहते हैं। वयस्क को नीचे की बजाय दूर देखना चाहिए, ताकि सांसें उस तक न पहुंचें।
3. दादा-दादी बच्चों को सिर के पीछे किस करें
इस स्थिति में बच्चाें की छाेड़ी गई सांस से बुजुर्गों काे कम खतरा रहेगा। लंबे व्यक्ति की सांस से बच्चाें काे खतरा हाे सकता है। इसलिए दाेनाें का मास्क पहने रहना जरूरी है।
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