प्री मानसून की बारिश में गेहूं भीगने के बाद अब मूंग बर्बाद, प्याज लगी सड़ने, केले की फसल भी तबाह, टमाटर हुआ पानी- पानी; सरकारी अव्यवस्था से भीगीं किसानों की आंखें

निसर्ग तूफान से कई राज्यों में हो रही बारिश से खुले में रखा हजारों टन गेहूं भीग गया, वहीं खेतों में लगी सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है। इन राज्यों में प्रमुख तौर पर मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, शामिल हैं। अगर मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़ा लाखों टन का गेंहूं प्री मानसून बारिश में गीला हो गया। यहां खेतों में लगी दाल और सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं हरियाणा की बात करें, यहां लॉकडाउन के कारण खरीद सीजन लंबा चला। अब स्थिति यह है कि खराब फसल प्रबंधन के कारण मंडी व गोदामों में गेहूं खराब हो रहा है। झज्जर जिले के खरीदी केंद्रो पर रखे गेंहू को नुकसान पहुंचा है। वहीं कल राजस्थान के कोटा में एक घंटे हुई 4.1 एमएम बारिश से मंडी में रखा 25.50 करोड़ का 1.50 लाख क्विंटल गेहूं भीगा है। छत्तीसगढ़ के पारिया अंचल में बेमौसम बरसात और आंधी ने सब्जी बाड़ी को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे किसानों को लाखों की क्षति पहुंची है।

मध्यप्रदेश- गेहूं भीगने के बाद अबमूंग बर्बाद, प्याज सड़ने लगी, केले की फसल भी तबाह

मध्य प्रदेश के कई जिलों के खरीद केंद्रों पर गेहूं खुले में पड़ा था। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान हो रही खरीदी को पूरा कर लिया गया था लेकिन लाखों टन गेहूं प्री-मानसून बारिश में गीला हो गया। राजधानी भोपाल में वाटरप्रूफ टेंट की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिस वजह से यहां साढ़े 12 हजार टन गेहूं भीग गया। उज्जैन में करीब दो लाख टन, देवास में 47 हजार टन, धार में 68 हजार टन, शाजापुर में 60 हजार टन, राजगढ़ में 15 हजार टन, विदिशा में 11 हजार टन, झाबुआ में चार हजार टन और रायसेन में दो हजार टन गेहूं भीगने की सूचना है। सीहोर में दो दिन की बारिश से 30 से अधिक केंद्रों पर रखा गेहूं भीगा है। वहीं, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला किसी तरह के नुकसान से मना कर दिया था। यहां सरकारी तर्क था कि गेहूं थोड़ा भीगने से नुकसान नहीं होता। इससे पहले गुरूवार को देखा गया था कि 18 केंद्रों पर अभी किसान एक हफ्ते से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी ने अरस्तू प्रभाकर ने कहा था कि नुकसान कितना हुआ, यह अभी बताना संभव नहीं है।

हरदा में फसल के फूल झड़े, नहीं बनेगा दाना


किसानों का कहना है कि बारिश से मूंग को 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है। दूसरी ओर प्रशासन 2-5 प्रतिशत नुकसान मान रहा है। इसलिए सर्वे के निर्देश भी नहीं दिए हैं। भुवनखेड़ी के भागवत जाट ने बताया कि मूंग के फूल झड़ गए। अब दाना नहीं बनेगा। ऐड़ाबेड़ा के मनोज विश्नोई जो किसान हैं उन्होंने बताया कि खेत में रखी मूंग भीग गई। अंकुरण होने लगा है।

खंडवा : भीग गया प्याज, सड़ने की आशंका


खंडवा में बारिश से खेतों में रखा प्याज भीग गया। अब यह सड़ जाएगा। भाकिसं के जिला संयोजक सुभाष पटेल के मुताबिक जिले में 10 हजार हेक्टेयर में प्याज लगा था। लॉकडाउन और 3-4 रुपए प्रति किलो में भी खरीदार नहीं मिलने के कारण 70 प्रतिशत प्याज किसान बेच नहीं पाए। वहीं बड़वानी जिले में 500 क्विंटल से ज्यादा प्याज का नुकसान हुआ है। वहीं ग्वालियर संभाग के शिवपुरी में प्याज फसल में 5 से 10 फीसदी नुकसान हुआ है।

बुरहानपुर : 79 हेक्टेयर में केला फसल बर्बाद

बुरहानपुर में आंधी और बारिश से नेपानगर तहसील में 79 हेक्टेयर में केला फसल प्रभावित हुई है। 20 करोड़ तक के नुकसान की आशंका है। जिले में फिलहाल 15 हजार हेक्टेयर में केला, 5 हजार हेक्टेयर में गन्ना और 50 हेक्टेयर में मूंग फसल लगी हुई है।


हरियाणा: झज्जर की मंडी और गोदामों में रखा गेहूं भीगा, गेहूं खरीद का अंतिम दिन आज, बारिश में खराब हो रही गेहूं

हरियाणा के इस बार गेहूं खरीद का कार्य बड़ा चुनौतीपूर्ण रहा। लॉकडाउन के कारण खरीद सीजन लंबा चला, लेकिन अब स्थिति यह है कि खराब फसल प्रबंधन के कारण मंडी व गोदामों में गेहूं खराब हो रहा है। शुक्रवार को कई क्षेत्रों में बारिश हुई। गोदामों और मंडी में खुले आसमान के नीचे रखा गेहूं भीग गया। आढ़तियों ने तिरपाल ढककर बचाने का प्रयास किया। इसके बावजूद गेहूं के नीचे से पानी चले जाने से इसके खराब होने की आशंका बढ़ गई है।6 जून शनिवार को गेहूं खरीद का अंतिम दिन है। इसके बाद कोई खरीद नहीं होगी। खरीद से एक दिन पहले गेहूं का भीगना खराब प्रबंधन की पोल खोल रहा है। पिछले दिनों बूंदाबांदी होने से भी मंडी में रखा गेहूं प्रभावित हो गया था।


राजस्थान के कोटा में 25.50 करोड़ का 1.50 लाख क्विंटल गेहूं भीगा

कोटाशहर में शुक्रवार को ऊपरी हवाओं के दबाव से साइक्लोन बनने से दोपहर 1:20 से 2:15 तक बारिश हुई। इस दौरान करीब 4.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार ये प्री मानसून की बारिश है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री रहा। सुबह की आर्द्रता 50 प्रतिशत और शाम को 63 प्रतिशत रही। प्री मानसून की बारिशके कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। तेज हवा के कारण कुछ जगहों पर टिनशेड और दुकानों के तिरपाल उड़ गए। कृषि उपज मंडी में किसानों की मेहनत से उगाई जिंसें बारिश के पानी के साथ बह गई। मंडी में पहले से बंदोबस्त नहीं होने के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ा।

भास्करकृषि मंडी में पहुंचा तो वहां किसान भारी मन से अपनी भीगी हुई जिंस को समेटने में जुटे थे। किसानों ने बताया कि जब मौसम विभाग ने चेतावनी दे दी थी और इसकी जानकारी समाचार-पत्रों के जरिए सभी को मिल चुकी थी तो मंडी प्रशासन ने पहले से बंदोबस्त क्यों नहीं किए। मंडी में अपनी जिंस को बचाने के लिए हर किसान के पास बंदोबस्त नहीं हो सकता है। ऐसे में व्यापारियों और मंडी समिति को प्रयास पहले से करने चाहिए थे। किसानों ने बताया कि भीगी हुई जिंस का अब कम दाम मिलेगा। ऐसे में हमें काफी नुकसान होगा।

छत्तीसगढ़: रायपुर के पलारी में बेमौसम बरसात व आंधी से सब्जी की फसल को काफी नुकसान, किसानों को लाखों की क्षति


रायपुर के पलारी अंचल में बेमौसम बरसात व आंधी ने सब्जी बाड़ी को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे किसानों को लाखों की क्षति पहुंची है। नगर सहित आसपास के गांवों में रुक-रुककर कभी भी हो रही बारिश ने सब्जी बाड़ी को ज्यादा नुकसान पहुंचाया। बदली और हवा ने सब्जियों में लगने वाले फूलों को गिरा दिया तो वहीं कीड़े लगने से भटे की फसल सड़ रही है। करेला का फूल और फल दोनों खराब हो गए। इसी तरह बरबट्टी, बंधी (पत्ता गोभी), भाजी, फूल गोभी, टमाटर, भिंडी में लगे फूल झड़ गए जिससे सब्जियां खराब हो गईं। अनियान सिंह फेकर, केजराम, संतोष, राधेश्याम, भीषम, सुखदेव, मिलाराम आदि किसानों ने बताया कि सभी ने ये सब्जियां लगाई थीं और इसके लिए कर्ज भी लिया था पर अब सब कुछ बरबाद हो चुका है। उन्होंने बताया कि जैसे पौधों में फल फूल लगने को होते हैं, बारिश शुरू हो जाती है। फिर बारिश खत्म होने से पहले और बाद में बदली भी छा जाती है। इससे रोशनी न पाकर फूल झड़ जाते हैं।

टमाटर बारिश में सड़ जाता है

किसानों ने बताया कि टमाटर बारिश में सड़ जाता है जिससे इस साल उसकी फसल ही नहीं ली है जबकि बंधी, भाजी, प्याज भाजी भी इस बार मौसम के उतार चढ़ाव के कारण बहुत खराब हुई जो दवाइयों के छिड़काव से भी कंट्रोल नहीं हुई ।

मंडी में आवक कम होने से रेट बढ़े
सब्जी बेचने वाले संतोष राजू, चैतराम, बिसौहा, मनोज आदि ने बताया कि खराब मौसम होने से इस बार मंडी में सब्जी काफी महंगी मिली। फिर भी कोरोना काल में महंगाई में ही सब्जी बेचना मजबूरी हो गया। उनका कहना था कि टमाटर मार्केट में कम आ रहा है तो उसका भाव 30 रुपया किलो हो गया। इसी तरह करेला 30, भिंडी 20, लौकी 16 से 20, बरबट्टी 20, भटा 20 रुपए किलो बिक रहा है। ये सब्जियां मंडी में आवक कम होने के कारण महंगी हो गई हैं।

सब्जियों में कीड़े भी लगे
इस संबंध में कृषि विस्तार अधिकारी चित्रसेन मेश्राम का कहना है मौसम की वजह से ही सब्जी की फसल खराब हुई है। बहुत सी सब्जियों में कीड़े लग जाने से उसके बचाव के लिए किसानों को कोराजिन फायरफॉक्समैथिन आदि दवा के घोल का छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है।



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खरीदी केंद्रों के बाहर खुले में रखे गेहूं को तिरपाल से ढंकते हुए।


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